Mewati Shayari in hindi || मेवाती शायरी
Mewati shayari in hindi II New Mewati Status
तेरा तो दिल की तू जाणे,
मैं तो नू जाणू जैबा में धर लू तोयसातन मुसाफा लू लम्बो कर ले हाथ,
पपय्यों बज गो बस डिग्गी
जणे कोण सी को लेगर बेसाक
चले ने साथंन बतला लेंलाली सींख ले चंगेरी ड़लिया-फूल
पिराये घरें तोहे जाणो☺️
Mewati shayari in salam mewat II salam mewat shayari
मेवात की शादी कार्ड वाली शायरी – पढ़ें
बणाई डलिया असलम कू किस्मत खोटी सातन हाली रोटी खाए
याद आवे बर-बर मे सातन सासू को बणो ही कहा चीज
माई तेरो ही बिगाड़ो अस्नाओ पकायो मुर्गा ना खायो
भेजदे माई मत रोका
कैसे डाबेगो रिजाई चारू कूंट
आज मेरो राजा जुरेहेड़ा में हुवेगो ।
गुदड़ी भी न हे खरेड़ा में सावगो प्लीज shareदिल्ली जावे तो ली आयो स्टोप चुहला पे रोटी ना पकरी
कहा जारो दे बग्ल्न म हाथ कुट्टी कुटवा जा चाखी पे धर जा नाज
अय्ये खोगो खोगो मियरी बकरीन को गुआल पाहाड तियरा खोला मे
मेरी मारुती का फंबगा चारु टेर गिंदोडी धक्का लगवादे।
तेरी माँ मरगी, तोलू गल्ला ना टूक, चलोजा काला भैंसन पे।
लम्बो मारे ना बैटरी को लैट, गिदोंड़ी खोगी कोठा में
बीरा लू मुर्गा ना काटो
तेरा कुडका मे मरंगा मेरी शोक
हंस के पी लुंगो जहर मेरी जान
पिवादे अपणा हाथन सू
तु तो सिडो चुअद हे लोग हमारो रंग बादामी
अपणी डलिया मे लिखूंगी तेरो नाम
समागो मेरा तू दिल मे
Shayari in hindi Mewat II status mewat
अय्या ऐसे लहरावे हमारी मेवात तिरंगा जैसे भारत को
अब् तो नीचे कू चलोजा साढ़े तीन बजगा,
मुर्गा बोल्गो अजान लग गी, दिन चड़गो,
अब् तो नीचे कू चलोजा साढ़े तीन बजगा।।
फैल होगो दसवीं मे कुंडल धरके नी भरी ही तेरी फीस
बाप मेरो टोटा मे होंडा मत मांगा सासू का कमजात
साडू लू सब कुछ दे दीनो मेरे खाली तू लगी है मैडम हाथ
बीरा लू मुर्गो ना काटो ।
तियरा कुडका मे मरंगा मेरि सोक ।।अय्ये ..ईद लू भी ना आयो ..
कसके मारे बदलू बर बर में ड्रेस…तेने तो माई आ टेरी
मैं बी टेरू जाणे बोलेगी के नामेरी माई ने नो महीना पियायो दूध
प्राई सासू मत समझाअय्ये मैडम मारे तो फुदक के दीजो लात
मास्टर मारे पिट लीजो
अय्ये तोहे मारे तो दरेगी लेवे कोण
लडे हे तियरो सारो कुणबोलम्बी जुल्फी लेगी, दिल भीतर की बात
काली सी बुरसट दिल लेगीबीरा और भी घिसडवा तहमद बाद
मरेगी दुनिया झल झल के
कुटी कुटेगो के तेरी माँ को लोग कहा लो जा रो सज मज के
अठ्ठनी वाली सियाबण सू
मोपे ना धुवे तिहारी बुरसेटखंदा दे साशु मत रोका
जुम्मा हीनी का पढे गो मियरे बापकहा रे मेरी मेडम गोबर थपन लाक वहार आल्हा तेरी मर्जी
कालो कागेलो माई को अस्नाव
पेकयो मुर्गो ना खायो
बेटी ना खावे तो धका दीजो मार
पकॉक चोदो ना लायोकहां जारी है जुबैदा वाले-वाल
गैर के पल्लो छाती पै😜😜😜मोटरसाइकिल की दो घंटा की गैल
मिलाला मेरी माई सूधोली बुरसट को पसीनो सूके नाये उप्पर को पंखो देदे बाबा
हेल्लो हेल्लो कोई खतने म तो नाय
बाबा ने भेजी रखवाली पहीरो होंडा पे लूगडो उडतो जाए
मास्टर लेले मारूति
चाहे घर की तो बिक जावे सब जमीन
जाऐगी वामे तू सोती 😝😝मेहर मे हंसली ना लायो मोलू चाला मे पेहरायो हथफूल
अंधरो हो रो दिन छिप रो
साइकिल सेप्ट चलन। दे मन बेसरी का बापअरे बेडडी जुल्फी मत राखे
मेरी सेंग की सातन भुबलयो बतायअरे नाई वाड़ा सो चडयाओ मेरो बाप
अरे चढ़या ओ गाजा बाजा सु बाजा सुदहला दहला जोड़ मने हसली घड़ाई रे
ओ भी धर खाई मेरी बाप की लोगाई ने
प्राई घर की मैं होगी मेरी माई मेरा हिरकला है छोड
लाडली सारा कुणबा की जब भी कि आई सबन सू मुंह है मोड
आरा चना कहा खाएंगे मेव इनके घर का गिरगया लेव
चना जोर ही गर्म
अइये माई होती तो टेंट पे धरती हाथ
चलीगी भावज हंस केनी
अय्ये बाबा मे तो तियरी जंगल की बटेर
उडावे जितलू उड जांउ गी
बिचोला सैकी मत मारे गोबर गियरन लू पराती उनके नाये
अय्या अब भी ना बगदो डलेवर गाड़ी लैर
बाट लगरी कितना दिन सू
अय्या मोहे नाहै तेरी तनखा को चाव छोड के गाड़ी घर आजा
सबनका आंवा लेजावा कहा मेरी ही किस्मत को नाहे नाज
गला की लडिया टूटेगी तेरो मेरो तो ना टूटे सातण प्यार
अा कहाँ मार आयो मुर्गा की प्लेट…
चिकनाई आ री मूछन पे…
कच्चे खोला मे झकोला खाती जाए..
मास्टर (सरफराज)तेरी घर वाली…
टूटी झोंपडी में डुम-कडक-कड होय
बुढ्ढा ने बुढिया दे मारी
बियावली का गीत…
अय्ये खिडकी खोल के जिठानी लेगी मूये..
बिठादी जाके कोठा में….
अरा रातू रोयो मेरा मूंह सू मूंह लगार
अर
दसमी का रा पेपर ना उपड़ा
अरा जुम्मा मेहजत के सहारे देगो बाआप
अईये
गीतालो मैं तो गीतन की
अरा रातू रोयो मेरा मूंह सू मूंह लगार
अर
दसमी का रा पेपर ना उपड़ा
पतला रोढ़न की,गला में तेरे चैन
झुमकी तेरा कानन में😜😜😜
कहां लू जारो सुण मेरी….
का कुट्टी कुटवावेगो तेरी मां को लोग
इतनी पागल नाहूं मुड़केरे देखूं तोये
दबादब होरन मत देवे ऐ
कहा लू जारो सुन मेरी कुटी कूटवाजा चखी पे धर जा नाज
भूतेरी भूरी भूड़न की रे
वापस करया खोखा वाला की क्रीम
जैसे चौबारा का दुपल्ला किवाड़
मिलाई जोड़ी बाबा नें
पहल को अल्लाह छोरा दीजो
नहाणां -धौणां को कसालो भर जाये
लड़े री मत माँ मोसूं ,
ढ़ूढ़ां ना पासां बाखल में मेरा खोज़😢😢😢😢
मेव बब्बर शेर की तरह हैं
जो कभी भी अंजाम को सोचकर नहीं चलते
दहाड़ कर चलते हैं
दुश्मन की फाड़ कर चलते हैं
जिसे मेव होने पर गर्व हो
शेयर करें
दोस्तों आपको यह पेशकश कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताये और social media पर अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें और ऐसी ही Mewat से सम्बंधित mewati shayari लाते रहेंगे